सादर
अभिभावक एवं छात्राओं,
नई शिक्षा नीति के मूल सिद्धान्तों - नियमों व उद्देश्यों के साथ लक्ष्य कैरियर की साधना को पूर्ण करने हेतु सक्षम मनीषिंयों के महाविंद्यालय प्रांगण में नव आगन्तुक व अध्ययनरत छात्राओं का सत्र 2023-24 में हार्दिक अभिनन्दन करती हूं ।
शिक्षा का मूल उद्देश्य है - सर्वांगीण विंकास| हमारा अनवरत प्रवास है कि हमारी छात्रायें जो राष्ट्र, समाज एवं परिवार के भविष्य की कर्णधार है वे सैद्धान्तिक, व्यावहारिक दृष्टिकोण से दृढ़ बने और मौलिंकता से प्रत्येक क्षेत्र में पूर्ण आत्मविश्वास, ईमानदारी, कर्त्तव्यनिष्ठता, सौहार्द, दृढ़ता से अपनी सेवायें प्रदान करें। मुझे प्रसन्नता है कि मेरे महाविद्यालय की अनगिनत छात्रावें प्रशासनिक, शैक्षिक, राजनीतिक, सामाजिक अन्य अनेक क्षेत्रों में पद स्थापित है और स्व के साथ महाविद्यालय परिवार का नाम रोशन कर रही है। छात्राओं के द्वारा किये जाने वाले सकारात्मक कार्यों को जानने के बाद मैं स्वयं को गौरवान्वित महसूस कर रही हूं। चौमूं क्षेत्र में महिला शिक्षा के उत्तरोत्तर विकास में पारीक कन्या महाविद्यालय का शुभारम्भ 4996 में “चौमूं क्षेत्र में सर्वप्रथम छोटी सी पहल 22 छात्राओं से किया गया जो वर्तमान में वट वृक्ष बनकर चहुं दिशा में महिला शिक्षा को प्रकाशित करके दिशा मार्गदर्शित कर रहा है ।
अभिभावकों व छात्राओं से अनुरोध है कि स्वस्थ विचारों के साथ एक दूसरे से मिलकर इस प्रतिस्पर्धात्मक युग में कंधे से कंधा मिलाकर 27 वर्षो से स्थापित पारीक महिला महाविंद्यालव से संस्कार पूर्ण शिक्षा प्राप्त करने हेतु समर्पित भाव से जुड़कर आगे बढ़े और श्रेष्ठ बनें, वही मेरी उत्कण्ठा एवं अभिलाषा है|
ड़ॉ. सुमित्रा पारीक
प्राचार्या
पूर्व सदस्य सिंडिकेट राजस्थान विश्विद्यालय,जयपुर
पूर्व सदस्य राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, अजमेर